Dr. Sunil Deodhar
डॉक्टर सुनील देवधर बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं. एक ओर जहां कविता,गीत, लेख, समीक्षा, रूपांतर, अनुवाद आदि साहित्यिक रचना धर्मिता से संपन्न हैं, वहीं दूसरी ओर प्रसारण के क्षेत्र में भी अपनी लेखनी, खूबसूरत आवाज, और कल्पनाशीलता को, एकसाथ साधते हुए, न सिर्फ नए प्रयोग किए हैं, बल्कि इन विधाओं को "लिखी कागद कोरे", "मोहन से महात्मा" "संवादों के आईने में", "बड़े अनमोल गीतों के बोल" जैसी पुस्तकों के माध्यम से उन्हें सहेजने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया है. रेडियो प्रसारण के क्षेत्र में एक कंपलीट ब्रॉडकास्टर के रूप में उनकी पहचान है.